गांधी तुम इस मुल्क में वापस फिर कब लौट कर आओगे ,
अंधी वतनपरस्ती से इस मुल्क को अब कब आजाद
कराओगे,
मौत तो एक दिन सबको आएगी, मरने वाले मर जाएंगे ,
मगर हिंदू मुस्लिम इस दुल्हन की दो आंखें हैं बापू तुम इनको कब
बताओगे ,
अखलाख और पहलू खां की लाशें देखो अब तक कफन में
लिपटी रखी हैं,
बापू दर्द -ए - निहां हमारा तुम इनको कब समझाओगे.
- फ़ैज़ शाकिर
अंधी वतनपरस्ती से इस मुल्क को अब कब आजाद
कराओगे,
मौत तो एक दिन सबको आएगी, मरने वाले मर जाएंगे ,
मगर हिंदू मुस्लिम इस दुल्हन की दो आंखें हैं बापू तुम इनको कब
बताओगे ,
अखलाख और पहलू खां की लाशें देखो अब तक कफन में
लिपटी रखी हैं,
बापू दर्द -ए - निहां हमारा तुम इनको कब समझाओगे.
- फ़ैज़ शाकिर
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