औराके पारीना
जिन पर नक्श हो अशफाक -व- बिस्मिल के अफसाने,
इन दंगाइयों को अब दिखाए कौन,
जिन पर नक्श हो अशफाक -व- बिस्मिल के अफसाने,
इन दंगाइयों को अब दिखाए कौन,
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना,
इकबाल तेरा यह तराना अब गुनगुनाए कौन,
इकबाल तेरा यह तराना अब गुनगुनाए कौन,
गरीबों का मसीहा जो खुद मगन हो रक्स बिस्मिल में,
उस से गरीबों को अब बचाए कौन,
उस से गरीबों को अब बचाए कौन,
जब सब रहनुमा मशगूल हो फिरका अराई,
गांधी तेरे सजर को अब बचाए कौन.
– फैज शाकिर
गांधी तेरे सजर को अब बचाए कौन.
– फैज शाकिर
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